नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र से जुड़े 7 रहस्य – अर्थ, लाभ और जाप का सही तरीका

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र

देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक “नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत, आत्मविश्वासी और ऊर्जा से परिपूर्ण बनाता है। यह मंत्र सिर्फ जाप नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली साधना है, जो जीवन में बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इस लेख में हम आपको इस मंत्र … Read more

ॐ मणिपद्मे हूँ मंत्र: तिब्बत का चमत्कारी मंत्र – अर्थ, जाप विधि, लाभ और सावधानियाँ

ॐ मणिपद्मे हूँ मंत्र

“ॐ मणिपद्मे हूँ” मंत्र तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र, शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। यह मंत्र विश्वभर में आध्यात्मिक शक्ति, करुणा, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप जीवन में आंतरिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागरण चाहते हैं, तो यह मंत्र आपके लिए लाभकारी साबित होगा। यह लेख … Read more

पञ्चाक्षर मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का अर्थ, जाप विधि और अद्भुत लाभ

पञ्चाक्षर मंत्र

पञ्चाक्षर मंत्र, यानी “ॐ नमः शिवाय”, हिंदू धर्म का अत्यंत शक्तिशाली और लोकप्रिय मंत्र है। इस मंत्र को भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इसे नियमित रूप से जपने से जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक विकास होता है। महामृत्युंजय मंत्र: अर्थ, जाप विधि, लाभ और सावधानियाँ पञ्चाक्षर मंत्र क्या है? … Read more

महामृत्युंजय मंत्र: अर्थ, जाप विधि, लाभ और सावधानियाँ

महामृत्युंजय मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और लोकप्रिय वैदिक मंत्र है। भगवान शिव को समर्पित इस मंत्र के जाप से व्यक्ति भय, रोग, और अकाल मृत्यु के डर से मुक्त होता है। यह आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, शरीर को स्वस्थ बनाता है, और जीवन में शांति व समृद्धि लाता है। महामृत्युंजय मंत्र क्या है? संस्कृत … Read more

ॐ नमः शिवाय मंत्र: महाशक्ति, लाभ और जाप विधि | Om Namah Shivaya Mantra in Hindi

ॐ नमः शिवाय

“ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya) एक महाशक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए जपा जाता है। यह पंचाक्षर मंत्र (पाँच अक्षरों से बना) है, जिसका अर्थ है – “मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ।” संस्कृत में: ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivaya)इसका अर्थ है “हे भगवान शिव, मैं … Read more

सप्त घृत मातृका पूजन विधि और सम्पूर्ण वसोर्धारा पूजन का महत्व

हिन्दू धर्म में देवी-पूजन की विशेष महिमा है। देवी के अनेक रूपों में से सप्त मातृका पूजन का महत्व अत्यधिक है। सप्त मातृका देवी ब्रह्माणी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी, और चामुंडा हैं। इनकी आराधना से साधक को शक्ति, समृद्धि, और शुभ फल प्राप्त होता है। सप्त घृत मातृका पूजन में सात प्रकार के घृत … Read more

संकटमोचन हनुमान अष्टक ( Sankatmochan Hanuman ) | संकट हरने वाला

संकटमोचन हनुमान अष्टक गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसका पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। ॥ संकटमोचन हनुमान अष्टक ॥ १.बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो।ताहि सुदारी थाल लियो तब, लियो उदार जगत उजियारो॥काहु को … Read more

दामोदर अष्टकम: भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की स्तुति

दामोदर अष्टकम

दामोदर अष्टकम एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसे श्री सत्यव्रत मुनि ने रचा है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप में दामोदर स्वरूप की स्तुति करता है। इसे कार्तिक मास में विशेष रूप से गाया जाता है। 2025 मकर संक्रांति की शुभकामनाएं: बेहतरीन संदेश और बधाई हिंदी में दामोदर अष्टकम: 1.नमामीश्वरं सच्चिदानन्दरूपंलसत् कुण्डलं गोकुले भ्राजमानम्।यशोदाभियोलूखलाद् … Read more

पढ़ें नारायण कवच अर्थ सहित: सम्पूर्ण जानकारी

नारायण कवच एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक स्तोत्र है, जिसे विष्णु भक्त अपनी सुरक्षा और कल्याण के लिए पाठ करते हैं। यह श्रीमद्भागवत महापुराण के छठे स्कंध में वर्णित है। आइए इस लेख में नारायण कवच का अर्थ सहित विस्तृत विवरण समझते हैं। नारायण कवच क्या है? नारायण कवच एक दिव्य स्तोत्र है, जिसमें भगवान विष्णु … Read more

पिप्पलाद ऋषिकृत शनि स्तोत्रं: शनि दोष निवारण के लिए प्रभावशाली स्तोत्र

पिप्पलाद ऋषिकृत शनि स्तोत्रं

पिप्पलाद ऋषि द्वारा रचित शनि स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है, जिसे शनि ग्रह के कुप्रभावों से बचने और उनके शुभ प्रभाव को प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। यहाँ इस स्तोत्र का पाठ दिया जा रहा है: कोणस्थः पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यमः।सौरिः शनैश्चरो मंदः पिप्पलादेन संस्तुतः॥1॥ एतानि दश नामानि प्रातरुत्थाय यः … Read more