19 C Mumbai
Saturday 14th June 2025
By Vijay

पिप्पलाद ऋषिकृत शनि स्तोत्रं: शनि दोष निवारण के लिए प्रभावशाली स्तोत्र

पिप्पलाद ऋषि द्वारा रचित शनि स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है, जिसे शनि ग्रह के कुप्रभावों से बचने और उनके शुभ प्रभाव को प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। यहाँ इस स्तोत्र का पाठ दिया जा रहा है:

कोणस्थः पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यमः।
सौरिः शनैश्चरो मंदः पिप्पलादेन संस्तुतः॥1॥

एतानि दश नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।
शनैश्चर कृता पीडा न कदाचिद् भविष्यति॥2॥

व्योम गच्चन्तु पापानि यत्र गेहं शनैश्चरः।
तत्र रोगा: प्रवृद्धाश्च दौर्भाग्यं च निराकुलम्॥3॥

मंदसूर्यः सवितृ प्रीति मण्डल मण्डनः।
सूर्यपुत्र नमस्तुभ्यं पिप्पलादेन संस्तुतः॥4॥

प्रसादं कुरु देवेश दिनेश्वर नमोऽस्तु ते।
प्रसन्नं कुरु मे देव वरदो भव शंकरः॥5॥

शनैश्चरः प्रसन्नोऽस्तु कुबेर: प्रसन्नोऽस्तु मे।
मंगलं दीयतां मह्यं कुबेराय नमो नमः॥6॥

शनिवार वशीकरण टोटके | Most Powerful Vashikaran Totke

यह स्तोत्र पिप्पलाद मुनि द्वारा शनि देव की स्तुति के रूप में रचा गया है। इसमें शनि देव के विभिन्न नामों का उल्लेख करते हुए उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की जाती है।

  • No Comments
  • August 24, 2024