Krishna Janmashtami (जन्माष्टमी) 2024: पूजा के सही समय और तिथि जानें

Krishna Janmashtami भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उनके जन्म को स्मरण करने और उनके जीवन के महान कार्यों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? – Why is Krishna Janmashtami celebrated?

1. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म:

   श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को आधी रात में हुआ था। उनका जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था, और वे अपने मामा कंस के अत्याचारों से दुनिया को बचाने के लिए आए थे।

2. धर्म की स्थापना: 

   श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में धर्म, प्रेम, और करुणा का संदेश दिया। उन्होंने भगवद गीता में अर्जुन को धर्म, कर्म, और मोक्ष का मार्ग बताया, जो आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है।

3. सत्य की विजय: 

   श्रीकृष्ण ने जीवन भर अधर्म का नाश किया और सत्य, धर्म, और न्याय की स्थापना की। कंस, जो एक अधर्मी और अत्याचारी राजा था, को श्रीकृष्ण ने समाप्त किया।

2024 में कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त – Time of Krishna Janmashtami in 2024

2024 में, कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 और 27 अगस्त को मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त का निर्धारण अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से किया जाता है।

शुभ समय:

अष्टमी तिथि: 

  अष्टमी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त 2024 को सुबह 11:49 बजे से होगा और यह 27 अगस्त 2024 को दोपहर 1:46 बजे समाप्त होगी।

रोहिणी नक्षत्र: 

  रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त 2024 की रात में रहेगा, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय का प्रतिनिधित्व करता है।

शुभ समय पर पूजा:

26 अगस्त 2024: 

  इस दिन रात में 11:49 बजे से लेकर 12:34 बजे के बीच पूजा का सबसे शुभ समय माना जा रहा है। इसी अवधि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ माना जाता है, और यह समय आधी रात के आसपास आता है, जब व्रत तोड़ा जा सकता है और भगवान का जन्मोत्सव मनाया जा सकता है।

27 अगस्त 2024: 

  वैष्णव परंपरा के अनुयायी इस दिन व्रत रख सकते हैं और पूजा कर सकते हैं। अष्टमी तिथि दोपहर तक ही रहेगी, इसलिए सुबह के समय पूजा करना शुभ रहेगा।

पिप्पलाद ऋषिकृत शनि स्तोत्रं

निष्कर्ष:

धार्मिक दृष्टि से, 26 अगस्त 2024 की रात को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करना सबसे शुभ माना गया है। भक्त अपनी परंपरा और श्रद्धा के अनुसार दोनों में से किसी भी दिन पूजा कर सकते हैं।