सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र (Sarva Mangala Mangalye)का महत्त्व और अर्थ

सर्व मंगल मांगल्ये

हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष स्थान है, और ‘सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र’ देवी दुर्गा को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है।

“सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते।।”

सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र का हिंदी अर्थ

इस मंत्र का अर्थ है:

  • सर्व मंगल मांगल्ये: सभी प्रकार की मंगलकारी शक्तियों से युक्त।
  • शिवे: कल्याणकारी और शुभ।
  • सर्वार्थ साधिके: सभी कार्यों को सिद्ध करने वाली।
  • शरण्ये त्र्यम्बके गौरी: तीन नेत्रों वाली गौरी, जो सभी को शरण देने वाली हैं।
  • नारायणी नमोऽस्तुते: देवी नारायणी, आपको नमन।

इसका तात्पर्य यह है कि देवी दुर्गा हर प्रकार के संकट और बाधाओं से मुक्ति दिलाकर भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं।

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सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र का लाभ

  1. सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र के जाप से नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  2. मन की शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है।
  3. संकटों का निवारण: जीवन में आने वाली समस्याओं और संकटों को दूर करता है।
  4. संपूर्ण कल्याण: व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण प्रदान करता है।

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सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र का जाप कैसे करें?

  1. सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।
  3. कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
  4. जाप के बाद देवी से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

अन्तिम विचार

‘सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र’ केवल एक धार्मिक मंत्र नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को एक सकारात्मक दिशा में ले जाने वाला साधन है। इसका नियमित जाप न केवल आध्यात्मिक उन्नति देता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और शांति लाता है।

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