शिवजी की आरती : ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

यहाँ एक प्रसिद्ध शिव भजन प्रस्तुत है

ओम जय शिव ओमकारा

1. ओम जय शिव ओमकारा, 

   प्रभु जय शिव ओमकारा। 

   ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।। ओम जय…।।

2. एकानन चतुरानन पंचानन राजे। 

   हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे।। ओम जय…।।

3. दो भुज चार चतुर्भुज दसमह भुज धारी। 

   त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन स्वामी।। ओम जय…।।

4. अक्षर मध्यामल अक्षर त्रीजी को गावे। 

   सावण मुख सौंदर्य तमाल गगन मिलावे।। ओम जय…।।

5. मणि कोटि कानन कोटि पद्मभूषण साजे। 

   सुन्दर काया कुन्दन शिर शोभित राजे।। ओम जय…।।

6. पनग राज गुण राज गनपति पूजे। 

   अद्भुत रूप अनूपम प्रतिपल पूजे।। ओम जय…।।

7. भोग लगाते भक्तजन शंकर प्यारे। 

   फल मेवा मिश्री माखन छागा अर्पण करें।। ओम जय…।।

8. आरती पुष्पांजली त्रिभुवन पूजे। 

   शुद्ध मानस से सेवक प्रभु सदा पूजे।। ओम जय…।।

9. प्रभु सुख संपत्ति घर आवे। 

   दूषित दुख मिटे तनमन से, अभिलाष पूर्ण करावे।। ओम जय…।।

10. ओम जय शिव ओमकारा, 

    प्रभु जय शिव ओमकारा। 

    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।। ओम जय…।।

कर्पूर गौरम करुणावतारं मंत्र और पूरा श्लोक शिव तांडव स्तोत्रम् PDF

यह भजन शिव भगवान की महिमा का गुणगान करता है और उनकी कृपा की कामना करता है।