देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक “नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत, आत्मविश्वासी और ऊर्जा से परिपूर्ण बनाता है। यह मंत्र सिर्फ जाप नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली साधना है, जो जीवन में बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
इस लेख में हम आपको इस मंत्र के 7 अद्भुत रहस्य, इसके सही अर्थ, लाभ, जाप करने की विधि और सावधानियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
1. मंत्र का वास्तविक अर्थ क्या है? (Real Meaning of Mantra)
यह मंत्र देवी दुर्गा के सम्मान में दुर्गा सप्तशती से लिया गया है:
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
अर्थ:
“उस देवी को बार-बार प्रणाम है, जो इस संसार में हर प्राणी के भीतर शक्ति के रूप में स्थित हैं।”
मंत्र का सरल भावार्थ यह है कि हम सभी प्राणियों में विद्यमान देवी-शक्ति को बार-बार नमस्कार करते हैं।
2. यह मंत्र सबसे अलग क्यों है? (Uniqueness of Mantra)
यह मंत्र किसी विशेष इच्छा या लाभ से ज्यादा व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह मंत्र हमें अपनी ही छिपी हुई शक्ति को पहचानने में मदद करता है और यह बात इसे दूसरे मंत्रों से अलग बनाती है।
3. इस मंत्र के जाप से होने वाले 5 खास लाभ (5 Special Benefits)
- आत्मशक्ति में वृद्धि: व्यक्ति के भीतर आत्मबल और साहस की वृद्धि होती है।
- मानसिक तनाव से मुक्ति: मानसिक चिंता, डर और तनाव दूर होते हैं।
- बाधाओं से सुरक्षा: जीवन की मुश्किलों से निपटने की ताकत मिलती है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा: मंत्र जाप से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- आध्यात्मिक चेतना: जीवन में सकारात्मक सोच और आध्यात्मिक विकास होता है।
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4. मंत्र जाप करने की सरल और प्रभावी विधि (Simple Chanting Method)
यह मंत्र जाप करना आसान है, लेकिन सही तरीके से करने पर प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है:
- स्थान: शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।
- समय: सुबह या शाम का समय जाप के लिए उपयुक्त है।
- वातावरण: देवी की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
- बैठने की मुद्रा: पद्मासन या सुखासन में बैठें।
- जाप करें: रुद्राक्ष, तुलसी या स्फटिक माला पर 108 बार मंत्र जाप करें:
“नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”
- मंत्र का जाप धीमी आवाज में स्पष्ट उच्चारण के साथ करें।
5. मंत्र जाप करते समय जरूर रखें ये सावधानियाँ (Important Precautions)
- मंत्र जाप हमेशा श्रद्धा और विश्वास से करें।
- मोबाइल फोन व अन्य ध्यान भंग करने वाली चीजों से दूर रहें।
- जाप के समय मन को एकाग्र रखें।
- जाप के दौरान नकारात्मक सोच और दूसरों के प्रति क्रोध से बचें।
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6. मंत्र जाप कब करें और कौन कर सकता है? (Who can chant?)
- यह मंत्र सभी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के कर सकते हैं।
- विशेष रूप से नवरात्रि, शुक्रवार और मंगलवार को इस मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी है।
- मानसिक अशांति और कठिनाइयों से घिरे व्यक्ति इस मंत्र का जाप अवश्य करें।
7. मंत्र जाप कितनी बार और कितने दिन करें? (Duration of Chanting)
- मंत्र जाप प्रतिदिन कम-से-कम 108 बार करें।
- लगातार 21 दिन, 41 दिन या विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में जाप करने से अधिकतम लाभ मिलता है।
निष्कर्ष (Final Words)
“नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” मंत्र व्यक्ति को उसकी वास्तविक शक्ति का अहसास कराता है। यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक मंत्र भी है, जो आपको मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक रूप से मजबूत करता है।