द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग में जो भी काम किये जाते है वह काम इन योग शुभ माने जाते है। कोई भी मुख्य काम बड़ा काम इस योग में किया जाता है इसका परिणाम दोगुना व् तिगुना हो जाता है। जैसे कि भूमि-संपत्ति, सोना-चाँदी खरीदना, हीरे-जवाहरात लेना, वाहन खरीदना , घर के लिए गाय-भैंस को खरीदना और नई दुकान या व्यापार की शुरुवात करना आदि इन योग में बहुत अच्छा लाभ मिलता है।
यदि इन योगो में कोई हानि होती है या कोई हानि की की सम्भावन होती है तो द्विपुष्कर योग की शांति के लिए दो गायों के कीमत के बराबर धन का दान किया जाता है और त्रिपुष्कर योग की शांति के लिए तीन गायों के कीमत के बराबर धन को दान किया जाता है। यह धन का दान करने से आपके योग शांत होंगे और आपके काम लाभ होगा।
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द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग करने योग्य मुख्य कार्य
सोना – चांदी आभूषण , जमीन – जायदाद , वाहन इत्यादि को खरीदना द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग में बहुत लाभकारी माना गया है. इसके अतिरिक्त पशुओं की खरीदारी करना अथवा कोई नए कार्य या व्यवसाय का आरंभ करना भी इस योग के समय पर शुभ होता है.