
कर्ण पिशाचिनी साधना: विधि, लाभ, और साधक की अनुभूतियां
कर्ण पिशाचिनी साधना के लिए किसी नदी या तट पर एकांत स्थान में पवित्रता पूर्वक एकाग्रचित्त इस मंत्र का जाप 10000 बार जाप कर ले और उसके बाद ग्वार-पाठे के लछे को दोनों हाथ हथेलियों पर रगड़ कर रात को शयन करने से यह देवी स्वप्न में समय का शुभाशुभ फल साधक को बतला जाती…